Thursday, February 6, 2014

Theme 9 - School

It was my friend's birthday,I wished him and he reminded me of an incident,when we were in play school, I told him "Dekh apan ek hee auto mein jaate hain na,to tu meko apne birthday pe 2­-2 toffees dega?" On hearing this I recollected the sweet memories from those heavenly days.
- Divneet Kaur Walia, MBA(MM)­, I Year


The old uniform; torn books; broken English.
The give aways made him his own teacher. School wasn't a dream anymore.
- Priyanka Agrawal, M.Sc., III Year


Bus rides to the school had always been memorable. We used to fight for the window seat in Primary.
Grew up sharing notes and tiffin boxes in the Secondary.
High School made us friends. Last seats always heard our secret crushes and complaints.
We didn't fight for the window seat anymore.

- Priyanka Dharamsi, MBA (MM), I Year



एक दिन शादी, किसी दिन सम्मान कार्यक्रम, फिर अगले हफ्ते नगर पंचायत बैठक, कभी गाँव के दबंगो कि कलाली. . .ये थी बबलू के गाँव के सरकारी विद्यालय में होने वाली दैनिक गतिविधियाँ ।
शहर तबादला होने पर, नए स्कूल में जब लेख लिखने को कहा गया विद्यालय पर, तो बबलू बस सोचता ही रह गया ॥
- Mehul Newaskar, MBA (MM), I Year



डिम्पल के स्कूल जाते ही सना अनमनी हो उठी। चेहरे पर थोड़ी ख़ुशी, थोड़ी घबराहट के मिले-जुले भाव थे। शायद आंखों में कोई सपना करवट ले रहा था। एक अजीब- सीबैचैनी थी, ठीक वैसी ही जैसी उसकी माँ को थी जिस दिन उसका ‘स्कूल’ का पहला दिन था।
- Rahul Jharia, MBA (MM), II Year


आज खुश होऊं या दुखी समझ नहीं आता..
बब्लु सुबह स्कूल जाना नहीं छह रहा था....रो रहा था
लेकिन बस तक उसे छोड़ने गई थी की नज़र उस नन्ही परी पर पड़ी जो धूल की चादर पर बैठी अपने नन्हे हाथों से फटे कागज़ पर कुछ लिख रही थी
उसकी किस्मत पर दुःख जातों या बबलू की किस्मत पर ख़ुशी समझ नहीं आया ।
- Divya Bharti, M.Sc., II Year


बेंच के नीचे काग़ज़-पेन्सिल के कचरे की दुकान लगाना..दीवार पर घीसकर रब्बर को सॉफ करना..उल्टे जूते पेहेन लेना..कॉपी ख़तम होनेपर बहुत खुश होना..राजू की पेन्सिल शार्प करते हुए याद आ गया मुझे मेरा स्कूल..
- Zoya Warsi, M.Sc., II Year

1 comment:

  1. Aaj bhi wo nili pant safed shirt pehan ne ka man hota hai
    Aaj bhi saraswati vandna karne ka man hota hai
    Aaj bhi Summit aur Mohit Yad aata hai

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